नगर पंचायत का रण,,,,
राज्य की सियासत में अलग ही पहचान रहने वाले कसडोल की राजनीति पूरे उफान पर,,, किसके हाथ में होगी नगर पंचायत की चाबी,,,
राज्य में होने वाले स्थानीय चुनावों की सरगर्मी काफी तेज हो गई है ,,,,, सारे नेता और जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे,,,, यहां बात करते हैं बलौदाबाजार जिले के नगर पंचायत कसडोल की,,, कसडोल शुरू से ही राजनीति का केंद्र रहा है,,,, बात 11 फरवरी को होने वाले नगर के प्रथम नागरिक के चुनाव की,,,,, यहां देखा जाए तो मुख्य मुकाबला दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के बीच है,,,,, बीजेपी और कांग्रेस ने सर्वे और छटनी के बाद लगभग नाम फाइनल कर दिया है और दो –दो नामों की सूची आला–कमान को भेज दी है,,,,
बीजेपी,,,,,भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष पद का दावा बहुतों ने किया था जिसमें गणेश शंकर साहू,,, नागेश्वर साहू, प्रदीप मिश्रा,,, मुख्य रूप से हैं,,,लेकिन स्थानीय समीकरण के हिसाब से छटनी कर रेस में अब गणेश शंकर साहू और नागेश्वर साहू का नाम ही रह गया है,,,, ऐसा हमारे सूत्र बताते हैं,,,,, बीजेपी के बहुत पुराने मंडल कसडोल मंडल को विभाजित कर दो मंडल बनाया गया है कसडोल मंडल और कटगी मंडल,,, विभाजन के बाद बने मंडल के प्रथम अध्यक्ष सुदीप मानिकपुरी के पास बहुत सी चुनौतियां हैं,,,, जिन्हें देखते हुए उन्हें जिताऊ कैंडिडेट को ही टिकट देना होगा,,, और स्वयं पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरना होगा,,, उनके ऊपर अध्यक्ष के साथ साथ पार्षदों को भी जिताने की जिम्मेदारी होगी,,,, अब देखना होगा कि सुदीप मानिकपुरी की रणनीति कितनी कारगर साबित होती है ,,,,
कांग्रेस,,,,, विगत कई सालों से विवादों से जूझते कांग्रेस पार्टी ने भी लगभग दो नाम तय कर आला कमान को भेज दिए हैं,,,, यहां भी दावेदारों की अच्छी खासी लिस्ट थी,,,,, लेकिन छटनी के बाद रित्विक़ मिश्रा और चंदन साहू ही टिकट की दौड़ में बचे हैं,,,, बीच में टिकट की दौड़ में पूर्व नगर पंचायत कसडोल के अध्यक्ष योगेश बंजारे का नाम भी शामिल था लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि वे 9 साल कांग्रेस से बाहर रहे इसलिए उनके आवेदन पर विचार नहीं किया गया,,,, बात कसडोल के विधायक संदीप साहू की करते हैं जो कांग्रेस की सरकार में तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में यहां से विधायक हैं उनके विधान सभा क्षेत्र में पलारी,, रोहांसी,, लवन,, कसडोल मिलाकर चार नगर पंचायत आते हैं,,,, उनको सब जगह जिताऊ कैंडिडेट को ही टिकट की सिफारिश कर जिताने की जवाबदारी भी होगी,,, कसडोल में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में अध्यक्ष राम प्रसाद वर्मा और कार्यकारी अध्यक्ष दयाराम वर्मा हैं,,,,, लेकिन कसडोल में पार्टी की गतिविधि को दयाराम वर्मा ही संचालित कर रहे ,,, कसडोल हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है ऐसे में उन पर भी जवाबदारी है कि कांग्रेस के गढ़ को बचा कर रखें,,,,,,
कसडोल नगर पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य है,,, पहले यहां की सीट पर दोनों ही पार्टियों के सामान्य वर्ग के नेताओं की दावेदारी स्वाभाविक रूप से थी लेकिन आरक्षण में पिछड़ा वर्ग की घटी सीटों के कारण पिछड़ा वर्ग काफी नाराज था जिसे लेकिन राज्य के अन्य स्थानों सहित बस्तर में काफी हंगामा हुआ, स्थिति को सत्ता पक्ष ने भांपते सामान्य सीटों पर पिछड़ा वर्ग को मौका देने की बात करते हुए नाराजगी कुछ हद तक कम करने का प्रयास किया है,, इसी पेंच में फंसे कसडोल नगर पंचायत में आज और कल में दोनों मुख्य पार्टियां अपने पत्ते खोल देगी,,,,और मुकाबला यहां इन्हीं के बीच होना है ,,,, किसी निर्दलीय के यहां खड़े होने के आसार बहुत ही कम दिख रहे,,,, इसी कार्यकाल में विधानसभा का परिसीमन भी होना है,,, नगर पंचायतें अपग्रेड होकर पालिका बनेंगी,,, इसमें कसडोल का भी नाम है,,,इस बार जो भी नगर अध्यक्ष बना वो प्रथम नगर पालिका का भी अध्यक्ष होगा तो इस बार इमोशन भी जुड़ गया है चुनाव में,,,,, राजनीति को संभावनाओं का खेल कहा जाता है,,,, नामांकन के आखिरी दिन हो सकता है कुछ नया समीकरण बन जाए,,,,,
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बाबा मसीह