भ्रष्टाचार और प्रताड़ना के आरोपों में घिरे रेंजर सुनीत साहू अंततः हटाए गए,,,,,

बलौदाबाजार, 10 अक्टूबर 2025
बलौदाबाजार जिले के सोनाखान वनमण्डल में पिछले कुछ समय से जारी असंतोष और आरोपों के बीच आखिरकार विवादित वन परिक्षेत्र अधिकारी (रेंजर) सुनीत साहू को उनके पद से हटा दिया गया,,,, उन्हें 9 अक्टूबर की शाम को तत्काल प्रभाव से भारमुक्त कर गरियाबंद वनमण्डल में स्थानांतरित कर दिया गया है,,,,, और ये अपनी तरह का पहला मामला है जब वरिष्ठ अधिकारियों ने शिकायत को देखते हुए इस तरह की कारवाई की,,,,

*17 सितंबर से जारी है वन कर्मियों का धरना प्रदर्शन,,,*
वन विभाग के कर्मचारियों ने 17 सितंबर से रेंजर साहू के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू किया था,, आरोप थे कि वह कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और प्रताड़ना कर रहे थे, साथ ही उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगे हैं,,,,,
*DFO की भूमिका पर उठ रहे सवाल,,*
धरने में शामिल कर्मियों का कहना है कि उन्होंने कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई,, इससे नाराज होकर कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया था,,विभागीय कार्य प्रभावित होते देख आखिरकार प्रशासन को हरकत में आना पड़ा,,,, सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस पूरे प्रकरण में डीएफओ बलौदा बाजार द्वारा सही निर्णय समय रहते नहीं लिया गया,,,, समय रहते कोई निर्णय ले लेते तो इस तरह विभाग की किरकिरी नहीं होती,,,,, इसके चलते पूरे प्रकरण में बलौदाबाजार डीएफओ की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है,, जो लाजमी भी है,,,वनकर्मियों का कहना है कि उन्होंने कई बार रेंजर साहू के खिलाफ लिखित व मौखिक शिकायतें की थीं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया,,, इससे यह संदेह गहरा गया है कि कहीं ना कहीं उच्च अधिकारियों की शह रेंजर को प्राप्त थी,,,,,
हमने डीएफओ से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करना चाहा लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया,,,,
*रात में ही कर दिया गया भारमुक्त,,*
9 अक्टूबर को बलौदाबाजार के वनमण्डलाधिकारी कार्यालय से जारी आदेश (क्रमांक /स्था./2320) के अनुसार, शासन के निर्देशानुसार सुनीत साहू को बलौदाबाजार से स्थानांतरित कर धवलपुर परिक्षेत्र, गरियाबंद भेजा गया है,,,, आदेश के अनुसार, उन्हें उसी दिन अपराह्न से ही भारमुक्त कर दिया गया,,,,
*विभागीय जांच अब भी जारी,,,*
सुनीत साहू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की विभागीय जांच अब भी जारी है,,,, सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच में कई अनियमितताओं के संकेत मिले हैं, जिसकी विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं,,,,





