Sunday, October 26, 2025
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फर्जी शिक्षक का खेल – शिक्षा विभाग की साजिश या मिलीभगत?

फर्जी शिक्षक का खेल – शिक्षा विभाग की साजिश या मिलीभगत?

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छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले से शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। जहां शिक्षा के मंदिर में खुद शिक्षक फर्जी निकला! जी हां, जिस व्यक्ति से मासूम बच्चों को सच्चाई और ईमानदारी का पाठ सीखना चाहिए, वही झूठ और फरेब की किताब लेकर 18 सालों से नौकरी कर रहा है।

नाम है – चंदराम यादव, और इसने फर्जी मार्कशीट के दम पर शासन को गुमराह कर सरकारी शिक्षक की नौकरी हासिल कर ली। अब सवाल ये उठता है कि — क्या शिक्षा विभाग में बैठे जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर इस फर्जीवाड़े को बचा रहे हैं।

“यह मामला बलौदा बाजार जिले के कसडोल विकासखंड के शासकीय प्राथमिक विद्यालय डालडानी का है। यहां पिछले 17 से 18 सालों से वर्ग-2 शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं चंदराम यादव।

इन पर आरोप है कि इन्होंने फर्जी बी.एस.सी. मार्कशीट लगाकर शासन को धोखा दिया और सरकारी नौकरी हासिल की। सूचना के अधिकार के तहत जब जांच हुई — तो सच्चाई रोंगटे खड़े कर देने वाली निकली। जहां नियुक्ति के समय चंदराम यादव ने दावा किया था कि उन्होंने 1800 में से 1210 अंक यानी 67.22% हासिल किए हैं, वहीं असली रिकॉर्ड में उनके पास सिर्फ 880 अंक यानी 48.88% ही निकले!

जानकारी के मुताबिक यह मामला खुद चंदराम यादव के भतीजे राजेंद्र यादव की आरटीआई शिकायत के बाद खुला। राजेंद्र ने जब पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से असली अंक तालिका मंगाई, तो पाया कि नियुक्ति में दी गई मार्कशीट फर्जी थी! लेकिन हैरानी की बात ये है कि — शिकायत हुए पूरा दो साल गुजर चुका है, फिर भी शिक्षा विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की! बल्कि विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर टालमटोल कर रहे हैं।

जब शिक्षक ही फर्जी हो तो बच्चों को क्या शिक्षा देगा? शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। जिन पर बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी है, वही फर्जी शिक्षकों को संरक्षण दे रहे हैं।” अब सोचिए —

जब सरकारी स्कूलों में फर्जी शिक्षक पढ़ा रहे हों, तो वहां से निकलने वाले बच्चों का भविष्य क्या होगा? क्या ऐसे फर्जी शिक्षक हमारे समाज के भविष्य को गढ़ सकते हैं? या फिर यह शिक्षा विभाग की सुनियोजित साजिश है — जहां अधिकारी चुप रहकर अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं?”

अब बड़ा सवाल उठता है —

आखिर कौन हैं वो जिम्मेदार अधिकारी, जो 18 साल से फर्जी शिक्षक को संरक्षण दे रहे हैं?

 

क्या शिक्षा विभाग में बैठी कोई बड़ी ‘डील’ इस फर्जीवाड़े को बचा रही है? जनता जवाब चाहती है, और शासन को अब जवाब देना ही होगा।

फर्जी शिक्षक को बचाने वाले अधिकारी अगर नहीं जागे,

तो यह मामला सिर्फ शिक्षा का नहीं — भविष्य की हत्या का बन जाएगा।

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