अब तो सुनो सरकार,, इन गरीबों की पुकार..👉🏻 13 साल का मासूम विकलांग बच्चा राजू विश्वकर्मा, कैसे इस लचर सिस्टम की विकलांगता को दर्शाया,,, देखिए पूरी रिपोर्ट।

आपको बता दे कि गरीब और असहाय लोगों के लिए देवदूत का दावा करने वाले नेताओं की पोल तो तक खुल गई ,,जब छत्तीसगढ़ के प्रथमपुत्र शहीद वीरनारायण सिंह के जन्मस्थली सोनाखान के आश्रित गांव महकम में 13 साल का मासूम बच्चा राजू विश्वकर्मा जो कि जन्म से ही 100 प्रतिशत विकलांग है। जिसे 13 वर्ष हो गए मगर अब तक नहीं मिल पाया सरकार की योजनाओं का लाभ,, 13 साल से उस मासूम विकलांग राजू विश्वकर्मा को लाभ दिलाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है गरीब मां-बाप,,, मगर अब तक किसी ने नहीं सुना इन गरीबों की पुकार,,,।

अब तो सुनो सरकार,इन गरीबों पुकार..👉🏻 जी हा दरअसल पूरा मामला कही और का नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से महज़ 60 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम सोनाखान के आश्रित गांव महकम का पूरा मामला है,, सोनाखान एक ऐसा पवित्र भूमि है जहां शहीद वीर नारायण सिंह का जन्म हुआ था। जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दी थी, और ऐसे ही पवित्र धरती पर जन्मे राजू विश्वकर्मा और उसके गरीब बूढ़े मां-बाप को आजादी के बाद आज इस लचर सिस्टम की मार झेलने को पड़ रहा है।

उस मासूम बच्चे की बेबसी देखकर आपके भी आंखों से आ जाएंगे आंसू …😭😭
👉🏻 जरा गौर से देखिए इन तस्वीरों को,, यह तस्वीर, छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के लचर सिस्टम के सारे काली करतूत को साफ बयान कर रहा है,,, यह तस्वीर किसी और कि नहीं बल्कि 13 साल के उस मासूम बच्चे राजू विश्वकर्मा की तस्वीर है जो कि 100% जनम से ही विकलांग है और 13 सालों से अपने गरीब मां-बाप के साथ  इस लचर सिस्टम की मार झेल रहा है,, ये उस मासूम बच्चे राजू विश्वकर्मा की तस्वीर है जो कि इस आजाद भारत के सिस्टम को  100 प्रतिशत विकलांग होने का प्रमाण दे रहा है। ये उस राजू विश्वकर्मा की तस्वीर है जो कि भ्रष्ट नेताओं और लापरवाह अधिकारियों के लचर सिस्टम को साफ बया कर रहा है। ये हम इसलिए कह रहे है क्योंकि
13 साल का मासूम बच्चा राजू विश्वकर्मा जो कि जन्म से ही 100% विकलांग है और 13 सालों से इस मासूम से बच्चे को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है,,

सरकार तो एक तरफ गरीब असहाय निर्धन लोगों के लिए अनेक योजनाओं के तहत करोड़ों रूपए पैसे पानी की तरह बहा रही है और जनता के सामने बड़े बड़े दावे कर रही है, मगर जमीनी स्तर पर भ्रष्ट अधिकारियों के चलते गरीब मासूम और विकलांग बच्चों तक सरकार कि योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसका जीता-जागता प्रमाण आपको एक छोटे से गांव महकम में देखने को मिल जाएगा। ऐसा नहीं है कि इन सब मामलों की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं होती है,, जिले के सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत होने के बाद भी कुंभकरण की निद्रा में सोए है जिम्मेदार अधिकारी।

बता दे कि महज 13 साल गुजर गया राजू विश्वकर्मा को ना तो सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाला पेंशन मिल पाया है और ना ही विकलांग बच्चों के लिए बनने वाले राशन कार्ड बन पाया है। राजू विश्वकर्मा के गरीब माता-पिता पंचायत सचिव से लेकर जिला कलेक्टर तक विकलांग राजू विश्वकर्मा को लाभ दिलाने के लिए सारे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुका है, मगर जिले के भ्रष्ट अधिकारियों के कानों में जू… तक नहीं रेंगी,, इन अधिकारियों को तो उस मासूम बच्चे के हालत पर तनिक भी दया नहीं आई,,, तभी तो 13 साल गुजर जाने के बाद भी विकलांगों के लिए इतने योजना होने के बाद अब तक नहीं मिल पाया उस मासूम को लाभ।
 
                                    




