Sunday, October 26, 2025
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सुवा नृत्य परंपरा — भविष्य की पहचान!

उग्रेश्वर गोपाल केवट रिपोर्टर शिवरीनारायण

चिल्हाटी की बेटियों ने थामी लोकसंस्कृति की मशाल

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चिल्हाटी:- छत्तीसगढ़ की मिट्टी से उठती लोकसंस्कृति की खुशबू अब नई पीढ़ी के कदमों में समाई हुई है। बिलासपुर जिले के मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के चिल्हाटी गांव की बालिकाएं लोकनृत्य ‘सुवा नृत्य’ को न केवल जीवित रखे हुए हैं, बल्कि उसे नई पहचान भी दे रही हैं। ‘चमकता सितारा ग्रुप’ के नाम से पहचान बना रही इन प्रतिभाशाली बच्चियों ने पिछले छह से सात वर्षों में अपनी मेहनत और लगन से सुवा नृत्य को गांव-गांव तक पहुंचाया है। समूह में लगभग 22 से 24 बालिकाएं शामिल हैं, जिनके साथ 4 वरिष्ठ सहयोगी कलाकार मांदर और मंजीरे की थाप पर इस नृत्य को और भी मनमोहक बना देते हैं। पहली बार मीडिया से रूबरू होते हुए समूह की सदस्याओं ने बताया कि उनका सपना है — सुवा नृत्य को छत्तीसगढ़ के हर मंच पर पहचान दिलाना, ताकि यह लोकसंस्कृति सिर्फ किताबों तक सीमित न रह जाए, बल्कि लोगों की ताल और थिरकन में जीवित रहे।

गांव के लोग भी इन बालिकाओं की मेहनत और समर्पण की जमकर सराहना कर रहे हैं। वे हरसंभव सहयोग कर रहे हैं ताकि यह परंपरा और आगे बढ़ सके। यह पहल केवल एक लोकनृत्य को जीवित रखने का प्रयास नहीं, बल्कि यह संदेश भी देती है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो परंपरा और प्रगति दोनों साथ चल सकते हैं। चिल्हाटी की इन बेटियों ने साबित कर दिया है कि संस्कृति को थामे रखते हुए भी भविष्य की नई राहें बनाई जा सकती हैं।

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