👉🏻 जांजगीर की सड़कों का दर्द — जहां गड्ढे हैं, वहीं से उठ रही है जनता की आवाज़!

जांजगीर-चांपा की सड़कों की हालत अब जानलेवा बन चुकी है… गड्ढों में सड़क ढूंढना किसी पहेली से कम नहीं। जनता लगातार शिकायत कर रही थी, मगर जिम्मेदार अफसर आंख मूंदे बैठे रहे। अब इस लापरवाही के खिलाफ कांग्रेस के तीनों विधायकों ने एकजुट होकर मोर्चा खोल दिया है। देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट, जिसमें बदहाल सड़कों की दर्दनाक तस्वीर के साथ जनता का सब्र भी टूटा…

बता दे कि छत्तीसगढ़ का जांजगीर-चांपा जिला… जहां सड़कें अब गड्ढों में समा चुकी हैं। बरसात हो या धूप—यहां के रास्ते हमेशा हादसे को न्योता देते हैं। नतीजा ये कि हर दिन कोई न कोई इन गड्ढों की सजा भुगतता है। जनता की शिकायतें महीनों से चल रही थीं, मगर जवाब में सिर्फ “कार्यवाही जल्द होगी” का रटा-रटाया वादा मिला। इसी मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस पार्टी ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जांजगीर विधायक ब्यास कश्यप, अकलतरा विधायक राघवेंद्र सिंह और पामगढ़ विधायक शेषराज हरबंस सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों की दुर्दशा का विरोध करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। नारे गूंजे — “सड़क नहीं तो विकास नहीं!” और “भ्रष्टाचार छोड़ो, जनता की सुनो!

जहां तीनों विधायकों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और बड़ा आरोप लगाया — PWD विभाग को मरम्मत के लिए फंड मिल चुका है, लेकिन अधिकारी कुर्सी पर बैठे तमाशा देख रहे हैं।

ना काम चालू हुआ, ना जनता की परेशानी खत्म हुई। हालांकि कलेक्टर ने एक हफ्ते के भीतर सड़क मरम्मत शुरू कराने का आश्वासन जरूर दिया है, लेकिन सवाल ये है कि आश्वासन कब तक चलेगा, और कार्रवाई कब शुरू होगी? लोग अब तंग आ चुके हैं। स्कूल जाते बच्चे गिरते हैं, बाइक सवार फिसलते हैं, एम्बुलेंस तक गड्ढों में अटक जाती है। अब जनता के मन में सिर्फ एक सवाल— क्या अधिकारी सड़क देखेंगे या जनता की लाशें?”

जांजगीर-चांपा की सड़कों का ये हाल विकास के दावों पर करारा तमाचा है। कांग्रेस का ये आंदोलन केवल सड़क का नहीं… बल्कि जनता की आवाज़ का सवाल बन गया है। अब देखना ये है कि जिले के अधिकारी कार्रवाई करते हैं… या फिर जनता फिर से सड़कों पर उतरकर अपनी लड़ाई खुद लड़ती है।





