एमसीबी जिले के शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय मनेंद्रगढ़ में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय मनेंद्रगढ़ में मतदाता को जागरूक करने जिला प्रशासन के द्वारा कार्यकम का आयोजन किया गया जहां छात्राओं ने रंगोली चित्रकला और हाथों में मेहंदी बनाकर मतदाता को जागरूक करने का संदेश दिया नए मतदाता को वोटर आईडी कार्ड वितरण किया गया।
कार्यक्रम में आए लोगों को मुख्य मजिस्ट्रेट बृजेश राय ने शपथ दिलाकर 100 प्रतिशत मतदान करने जागरूक किया महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सराभानी चक्रवर्ती ने बताया जिसका मतदाता दिवस के अवसर पर विभिन्न महा विद्यालय से प्रभारी और विद्यार्थी आए थे जिन्होंने विभिन्न प्रतियोगिता में भाग लिया रिजल्ट आने पर पुरस्कृत किया गया जितने भी नए मतदाता थे उन्हें भी पुरस्कृत दिया गया विद्यार्थी और सभी नागरिकों के बीच में मतदान के प्रति रुचि जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राज्य की सियासत में अलग ही पहचान रहने वाले कसडोल की राजनीति पूरे उफान पर,,, किसके हाथ में होगी नगर पंचायत की चाबी,,,
राज्य में होने वाले स्थानीय चुनावों की सरगर्मी काफी तेज हो गई है ,,,,, सारे नेता और जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे,,,, यहां बात करते हैं बलौदाबाजार जिले के नगर पंचायत कसडोल की,,, कसडोल शुरू से ही राजनीति का केंद्र रहा है,,,, बात 11 फरवरी को होने वाले नगर के प्रथम नागरिक के चुनाव की,,,,, यहां देखा जाए तो मुख्य मुकाबला दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के बीच है,,,,, बीजेपी और कांग्रेस ने सर्वे और छटनी के बाद लगभग नाम फाइनल कर दिया है और दो –दो नामों की सूची आला–कमान को भेज दी है,,,,
बीजेपी,,,,,भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष पद का दावा बहुतों ने किया था जिसमें गणेश शंकर साहू,,, नागेश्वर साहू, प्रदीप मिश्रा,,, मुख्य रूप से हैं,,,लेकिन स्थानीय समीकरण के हिसाब से छटनी कर रेस में अब गणेश शंकर साहू और नागेश्वर साहू का नाम ही रह गया है,,,, ऐसा हमारे सूत्र बताते हैं,,,,, बीजेपी के बहुत पुराने मंडल कसडोल मंडल को विभाजित कर दो मंडल बनाया गया है कसडोल मंडल और कटगी मंडल,,, विभाजन के बाद बने मंडल के प्रथम अध्यक्ष सुदीप मानिकपुरी के पास बहुत सी चुनौतियां हैं,,,, जिन्हें देखते हुए उन्हें जिताऊ कैंडिडेट को ही टिकट देना होगा,,, और स्वयं पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरना होगा,,, उनके ऊपर अध्यक्ष के साथ साथ पार्षदों को भी जिताने की जिम्मेदारी होगी,,,, अब देखना होगा कि सुदीप मानिकपुरी की रणनीति कितनी कारगर साबित होती है ,,,,
कांग्रेस,,,,, विगत कई सालों से विवादों से जूझते कांग्रेस पार्टी ने भी लगभग दो नाम तय कर आला कमान को भेज दिए हैं,,,, यहां भी दावेदारों की अच्छी खासी लिस्ट थी,,,,, लेकिन छटनी के बाद रित्विक़ मिश्रा और चंदन साहू ही टिकट की दौड़ में बचे हैं,,,, बीच में टिकट की दौड़ में पूर्व नगर पंचायत कसडोल के अध्यक्ष योगेश बंजारे का नाम भी शामिल था लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि वे 9 साल कांग्रेस से बाहर रहे इसलिए उनके आवेदन पर विचार नहीं किया गया,,,, बात कसडोल के विधायक संदीप साहू की करते हैं जो कांग्रेस की सरकार में तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में यहां से विधायक हैं उनके विधान सभा क्षेत्र में पलारी,, रोहांसी,, लवन,, कसडोल मिलाकर चार नगर पंचायत आते हैं,,,, उनको सब जगह जिताऊ कैंडिडेट को ही टिकट की सिफारिश कर जिताने की जवाबदारी भी होगी,,, कसडोल में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में अध्यक्ष राम प्रसाद वर्मा और कार्यकारी अध्यक्ष दयाराम वर्मा हैं,,,,, लेकिन कसडोल में पार्टी की गतिविधि को दयाराम वर्मा ही संचालित कर रहे ,,, कसडोल हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है ऐसे में उन पर भी जवाबदारी है कि कांग्रेस के गढ़ को बचा कर रखें,,,,,,
कसडोल नगर पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य है,,, पहले यहां की सीट पर दोनों ही पार्टियों के सामान्य वर्ग के नेताओं की दावेदारी स्वाभाविक रूप से थी लेकिन आरक्षण में पिछड़ा वर्ग की घटी सीटों के कारण पिछड़ा वर्ग काफी नाराज था जिसे लेकिन राज्य के अन्य स्थानों सहित बस्तर में काफी हंगामा हुआ, स्थिति को सत्ता पक्ष ने भांपते सामान्य सीटों पर पिछड़ा वर्ग को मौका देने की बात करते हुए नाराजगी कुछ हद तक कम करने का प्रयास किया है,, इसी पेंच में फंसे कसडोल नगर पंचायत में आज और कल में दोनों मुख्य पार्टियां अपने पत्ते खोल देगी,,,,और मुकाबला यहां इन्हीं के बीच होना है ,,,, किसी निर्दलीय के यहां खड़े होने के आसार बहुत ही कम दिख रहे,,,, इसी कार्यकाल में विधानसभा का परिसीमन भी होना है,,, नगर पंचायतें अपग्रेड होकर पालिका बनेंगी,,, इसमें कसडोल का भी नाम है,,,इस बार जो भी नगर अध्यक्ष बना वो प्रथम नगर पालिका का भी अध्यक्ष होगा तो इस बार इमोशन भी जुड़ गया है चुनाव में,,,,, राजनीति को संभावनाओं का खेल कहा जाता है,,,, नामांकन के आखिरी दिन हो सकता है कुछ नया समीकरण बन जाए,,,,,
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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी:– इन्वेस्टर मीट के दावें केवल कागजी, सरकार की नीतियां स्थानीय उद्योगों के खिलाफ़ है।
*उद्योगों के अनुकूल माहौल देने में साय सरकार नाकाम, नए उद्योग लगे नहीं पुराने हो रहे हैं बंद*
रायपुर/24 जनवरी 2025। छत्तीसगढ़ में निवेश को लेकर सरकार के दावों पर सवाल खड़ा करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पिछले 13 महीने की सरकार के दौरान उद्योग के अनुकूल माहौल दे पाने में भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। छत्तीसगढ़ में साय सरकार आने के बाद से 1 वर्ष के भीतर ही चार-चार बार बिजली के दाम बढ़े हैं। स्टील उद्योग को छत्तीसगढ़ की रीढ़ कहा जाता है, हमारे प्रतिस्पर्धी राज्य उड़ीसा और झारखंड है जहां पर कम कीमत में बिजली मिल रही है। जमीन हमारी, कोयला हमारा, पानी हमारा और हमारे ही लोगों को दो से तीन रुपया प्रति यूनिट अधिक दाम पर बिजली यह कहां का न्याय है?
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार की गलत नीतियों के चलते विगत 1 वर्ष के भीतर 180 से अधिक मैं स्टील प्लांट और रोलिंग मिल बंद हुए हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के द्वारा कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन दिया गया जिसके चलते 12 एथेनॉल प्लांट लगे, मक्का प्रोसेसिंग प्लांट बने, कोदो, कुटकी रागी की प्रोसेसिंग शुरू हुई, 2018 से 2023 के बीच प्रदेश में 700 से अधिक नए राइस मिल बने लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद उद्योगों पर संकट गहरा गया जिसके चलते विगत एक वर्ष में 300 से ज्यादा राइस मिलें बंद हो गई। नये इन्वेस्टर तो दूर लगे लगाये उद्योग का संचालन मुश्किल हो रहा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार का इन्वेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम केवल राजनीतिक पाखंड है हकीकत यह है कि विगत 13 महीना की सरकार के दौरान एक नया पैसा इन्वेस्ट नहीं हुआ है। इसी तरह 15 साल तक रमन सरकार में भी इसी तरह नये इन्वेस्ट के प्रपोजल के नाम पर प्रदेश की जनता को झूठे सपने दिखाकर ठगा गया। कभी 50-50 हजार मेगावाट के पावर प्लांट लगाने के नाम पर, कभी औषधि खेती के नाम पर तो कभी रतनजोत के नाम पर बड़े पैमाने पर जमीनें भू माफियाओं को सौंप गई। बिना उद्योग लगाए 4200 एकड़ जमीन लोहड़ीगुडा में लैंडबैंक बना कर रखा था जिसे कांग्रेस की सरकार ने वहां के स्थानीय आदिवासी किसानों को निःशुल्क लौटाया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार की बुरी नीयत केवल छत्तीसगढ़ के संसाधनों पर है। पहले बाल्को को बेचा, नंदराज पर्वत फर्जी तरीके से लीज पर दिये अब एनएमडीसी का नगरनार प्लांट निजी उद्योगपतियो को बेचने की तैयारी है। स्थानीय उद्योग और उद्योगपतियों को संरक्षण देने की जरूरत है। कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है लेकिन यह सरकार स्थानीय उद्योगों को सुविधाएं देने के बजाय उनकी उपेक्षा करके बाहर के उद्योगपतियों को झांसा दे रही है, ज़मीनी हक़ीक़त दावे के विपरीत है।
श्रीमती ममता राजेश थवाईत ने आम जनता से जनसंपर्क के दौरान क्षेत्र में हो रहे कई कार्यक्रमों में शामिल होकर नन्हे-मुन्ने बच्चों पुरुस्कृत कर सम्मानित करते हुए बढ़ाया उनका मनोबल…!
आपको बता दे कि जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 18 के प्रत्यासी श्रीमती ममता राजेश थवाईत को मिल रहा आपार जन समर्थन,, जहां अपने सरल स्वभाव और जनता के हित में नेक कार्य करने के नाम से चर्चित श्रीमती ममता राजेश थवाईत क्षेत्र क्रमांक 18 से जिला पंचायत सदस्य के लिए अपनी दावेदारी पेश की है,, जहां उनको आपार समर्थन मिल रहा हैं,,,
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इस बीच आम जनता से जनसंपर्क करने के दौरान श्रीमती ममता राजेश थवाईत ने क्षेत्र में हो रहे विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होकर नन्हे मुन्ने बच्चों पुरस्कार से सम्मानित करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया,, साथ ही साथ उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए क्षेत्र की जनता को आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी हर समस्याओं को निराकरण करते हुए आम जनता के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ चलने की बात कही..!
👉🏻 जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 18 से श्रीमती ममता राजेश थवाईत को मिल रहा आपार जन समर्थन,, नेता नहीं बल्कि एक सेवक के रूप में कि अपनी दावेदारी पेश..!
बलौदा बाजार जिले में क्षेत्र क्रमांक 18 के बहुत चर्चित प्रत्याशी श्रीमती ममता राजेश थवाईत को अपार रूप से मिल रहा जन समर्थन,, क्षेत्र क्रमांक 18 से दावेदारी पेश करते ही उनके चाहने वालों की कतारे लग गई है,, एक नई उम्मीद और आशा के साथ श्रीमती ममता राजेश थवाईत को आम जनता हजारों की तादाद में समर्थन दे रहे, क्षेत्र क्रमांक 18 के गांव की हर गलियों से लेकर चौक चौराहों में श्रीमती ममता राजेश थवाईत को समर्थन देने की बात गूंज रही है, आम जनता का साफ तौर पर कहना है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और भारतीय जनता पार्टी श्रीमती ममता राजेश थवाईत को टिकट देकर क्षेत्र क्रमांक 18 से प्रत्याशित घोषित करते हैं तो निश्चित तौर पर ही जानता उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए चुनावी इस महासंग्राम में उन्हें जीत का ताज पहनाएगी।
आखिरकार क्यों मिल रहा श्रीमती ममता राजेश थवाईत आम जनता का अपार जन समर्थन…!
आपको बता दे की श्रीमती ममता राजेश थवाईत शुरुआत से ही जनहित की मुद्दों को लेकर सबसे आगे रही है, आम जनता की समस्याओं को लेकर सरकार और अधिकारियों के संज्ञान में ले जाना और आम जनता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए उनकी हर समस्याओं का निराकरण करते हुए क्षेत्र में हर विकास कार्यों पर विशेष ध्यान देना ही,, आम जनता के बीच में चर्चा का विषय रहा है।
जहां श्रीमती ममता राजेश थवाईत अपने पद के अनुरूप कार्यों को सुचारू रूप से निर्वहन करते हुए सरकार की हर योजनाओं को लगातार आम जनता तक पहुंचाए हैं,,, जिसके चलते आम जनता उन्हें काफी पसंद करती हैं।
ग्राम पंचायत गदगी के पंच से लेकर जनपद सदस्य पर विजय जीत का ताज पहनते हुए आज जिला पंचायत सदस्य का सफर आम जनता के आपार जन समर्थन के चलते तय हुआ है,, जिस तरीके से शुरुआती दौर पर ही लोग श्रीमती ममता राजेश थवाईत को काफी पसंद करते थे और उन्हें समर्थन दे रहे थे ठीक उसी तरह आम जनता का स्पष्ट रूप से यह भी कहना है कि जिस तरीके से पहले हमारा समर्थन रहा है आगे इस चुनावी मैदान में हम सभी का भरपूर समर्थन श्रीमती ममता राजेश थवाईत को जाएगा।
सरकार बीएड शिक्षकों का तत्काल समायोजन करे – छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
रायपुर/22 जनवरी 2025। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि प्रदेश के 2897 सहायक शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिये आंदोलनरत है, धरने पर बैठे है सरकार है कि इस मामले में कोई निर्णय नहीं ले रही है। इन शिक्षकों को सरकार ने भर्ती निकाल कर प्रक्रिया पूरी करने बाद नियुक्ति दिया था। सरकार इस मामले का समाधान निकाल डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों के लिये अलग भर्ती निकाले तथा इन पहले से नियुक्ति पा चुके 2897 शिक्षकों की सेवा आगे सुनिश्चित रखने की व्यवस्था करें। इन शिक्षकों की भर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुआ था ऐसा नहीं है भाजपा सरकार बनने के बाद भी तीसरी और चौथी काउंसलिंग 9 फरवरी 2024 तथा 7 मार्च 2024 को हुई थी तथा इनकी नियुक्तियां हुई थी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार कमेटी बनाकर मामले को टालना चाहती है। सीएस की अध्यक्षता में बनाई गयी कमेटी की समयावधि निर्धारित किया जाये। 10 या 15 दिन में कमेटी से निर्णय मंगाया जाये। कमेटी बनाये भी 10 दिन से अधिक हो गया, सरकार टालमटोल वाला रवैय्या बंद करे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि इस मामले प्रभावित अधिसंख्यक शिक्षक बस्तर और सरगुजा संभाग के है तथा दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ है। 2897 में से 70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते है। यह इन के भविष्य का सवाल है। सरकार इनके मामले में सहानुभूति पूर्वक निर्णय करें। सरकार के पास शिक्षा विभाग में ही अनेकों ऐसे पद है जहां समान वेतनमान पर इन 2897 शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है। प्रयोगशाला सहायक, उच्च श्रेणी शिक्षकों के रूप में इनकी नियुक्तियां की जा सकती है। वर्तमान शिक्षा विभाग में 70 हजार पद रिक्त है। 33000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सरकार रोक कर रखी हैं। इन पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सरकार इनके मामले में तत्काल निर्णय लेकर इनका समायोजन करे।
सुरेंद्र वर्मा
वरिष्ठ प्रवक्ता
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
मोबाइल 98262-74000
नगर पंचायत शिवरीनारायणमें अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार राधेश्याम सोनी,, भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता होने के साथ पार्टी और सामाजिक स्तर पर कई पदों पर मनोनीत होकर निस्वार्थ भाव से दे रहे है अपनी सेवा, जिसके चलते नगर में आम जनता का भरपूर मिल रहा समर्थन,,!
👉 नगर पंचायत शिवरीनारायण में अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार राधेश्याम सोनी का नाम पूरे नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में भी गूंज रहा है,,, भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता होने के साथ पार्टी और सामाजिक स्तर पर कई पदों पर मनोनीत होकर निस्वार्थ भाव से दे रहे है अपनी सेवा, जिसके चलते नगर में आम जनता का राधेश्याम सोनी भरपूर मिल रहा है समर्थन। जहां नगर में उनका नाम सबसे आगे है,, अब देखना यह होगा क्या हाईकमान राधेश्याम सोनी को अध्यक्ष पद के लिए टिकट देगी..?
राजनीतिक जीवन के साथ सामाजिक जीवन में राधेश्याम सोनी की लोकप्रियता..! 👇🏻👇🏻👇🏻
आपको बता दे की राधेश्याम सोनी बचपन से ही सरल स्वभाव और जनहित के मुद्दों पर बात करने के साथ आम जनों के बीच जाकर उनकी समस्या सुलझाने में रुचि रखते थे,, जितनी उनकी लोकप्रियता राजनीतिक में है ठीक उतनी ही लोकप्रियता उनके सामाजिक जीवन में भी हैं जिस तरीके से राजनीतिक जीवन में राधेश्याम सोनी को आम जनता का भरपूर समर्थन मिलता है ठीक उसी प्रकार सामाजिक जीवन में भी समाज के लोगों के साथ आम जनता का भी राधेश्याम सोनी को भरपूर समर्थन मिल रहा है,, लगातार सामाजिक और राजनीतिक दोनों में समर्पण होकर कार्य करने वाले ऐसे सक्रिय कार्यकर्ता को शिवरीनारायण नगर की जनता अध्यक्ष पद पर देखना चाहती हैं, अगर हाईकमान राधेश्याम सोनी को अध्यक्ष पद का टिकट देकर मौका देती है तो निश्चित ही नगर में उनकी जीत तय..!
राजनीतिक जीवन:–
1978 में राधेश्याम सोनी ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली, तब से लेकर अब तक सक्रिय रूप से पार्टी के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे है।
1982 से लेकर 1985 तक भाजपा नगर अध्यक्ष के पद ग्रहण कर शिवरात्रि केशरवानी, अंबो साव एवं सुभाष केशरवानी जैसे सक्रिय सदस्यों के साथ रहकर अपनी सेवाएं दी।
2019 से लेकर वर्तमान में नगर पंचायत चुनाव में नगर के वार्ड नंबर 8 में पार्षद प्रतिनिधि का दायित्व निभाया, जहां उनकी धर्म पत्नी श्रीमती गायत्री देवी सोनी को पार्षद मनोनीत करने में अहम भूमिका भी निभाई।
सामाजिक जीवन:– राधेश्याम सोनी जी का राजनीतिक जीवन के साथ सामाजिक जीवन में भी काफी लोगों लोकप्रियता हैं,, जहां सामाजिक जीवन में कई पदों पर मनोनीत होकर अपनी सेवाएं दी। 👇🏻👇🏻👇🏻
1. उपाध्यक्ष (2019- वर्तमान) – सन 2019 से स्वर्णकार समाज शिवरीनारायण, रहौद, खरौद सर्कल के उपाध्यक्ष के पद पर सक्रिय रूप से निरंतर कार्य कर रहे हैं और सामाजिक जीवन में निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे है।
2. सचिव (2022 – वर्तमान) – सन 2022 से सराफा एसोसिएशन शिवरीनारायण, रहौद, खरौद सर्कल के सचिव के रूप में कार्यरत है।
3. आयोजक (2023 – वर्तमान) – नगर शिवरीनारायण में सन 2023 से हो रहे दुर्गा उत्सव में आयोजन समिति के सक्रिय सदस्य बनकर निस्वार्थ भाव से भव्य दुर्गा माता का पंडाल बनवा कर पूरे नगर को मंत्रमुग्ध करने का कार्य कर रहे हैं।
4. अध्यक्ष (2000 – 2019) – नवयुवक स्वर्णकार समाज शिवरीनारायण, रहौद, खरौद सर्कल के अध्यक्ष पर मनोनीत होकर कार्यभार संभाला और निरंतर निस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं दी।
अभी चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है, सरकार आरक्षण को रद्द कर फिर से आरक्षण कराये। ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बहाल करे, इसके लिये अध्यादेश लाना पड़े तो लाया जाये। विधानसभा की विशेष सत्र बुलाना पड़े, बुलाया जाये लेकिन ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बहाल किया जाये।
भाजपा सरकार के द्वारा कराये गये वर्तमान आरक्षण प्रक्रिया के चलते प्रदेश में ओबीसी वर्ग का नुकसान हुआ है। जिला पंचायत अध्यक्ष का एक भी सीट ओबीसी के लिये आरक्षित नहीं है।
प्रदेश के सभी जिला पंचायत एवं जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिये आरक्षित हुआ करती थी, अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है। पूर्व में ओबीसी के लिये आरक्षित ये सभी सीटें अब अन्य वर्ग के लिये आरक्षित हो चुकी है।
साय सरकार के द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में किए गए दुर्भावनापूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिले और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था, अन्य वर्ग के लिये आरक्षित हो गया है। पहले ओबीसी को धोखा दिया, अब सामान्य वर्ग को ठगने जा रहे। जब पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ विरोध हो रहा तब कह रहे कि अनारक्षित वर्ग की आधा सीटों में पिछड़ा वर्ग को लड़ायेंगे। पहले तो पिछड़ों के संवैधानिक अधिकार में डाका डाला, अब जले पर नमक छिड़क रहे। अनारक्षित सीटों में तो सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी कोई भी लड़ सकता है और जहां पर जैसी परिस्थिति होती है लोग लड़ते भी है, इसमें भाजपा क्या अहसान कर रही? भाजपा का अहसान नहीं बाबा साहब के संविधान के द्वारा दिया गया आरक्षण का अधिकार चाहिये।