Thursday, March 13, 2025

जस्ट पूछिंग,,,🤔 जितनी मशक्कत जिला पंचायत चुनाव जिताने में हुई उससे कहीं ज्यादा मशक्कत जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनाने के लिए करनी पड़ रही,,,,

जस्ट पूछिंग,,,🤔

 

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 जितनी मशक्कत जिला पंचायत चुनाव जिताने में हुई उससे कहीं ज्यादा मशक्कत जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनाने के लिए करनी पड़ रही,,,, तभी तो जब राष्ट्रीय पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशी सस्ते में निपटे तो तुरंत घाघ नेता जीते प्रत्याशी को समर्थित प्रत्याशी बता दिए,,, अब राज्य के 33 जिला पंचायतों के अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव की तारीख 5 मार्च घोषित की गई है, तब जोड़ तोड़, गुणा भाग चालू हो गया है,,,,, वैसे राज्य किसी भी जिले में सत्तापक्ष को पर्याप्त बहुमत नहीं मिला है लेकिन बीजेपी के कुछ जुगाड़ू नेता निर्दलीयों या कथित समर्थित सदस्यों के सहारे नैया पार लगाने की जुगत लगा रहे,,, अब सदस्य किस शर्तों पर समर्थन करेंगे मुझे नहीं पता लेकिन एक ईमानदार सदस्य ने मुझे बताया कि 20 या 25 पेटी का रेट चल रहा है कुछ तो कमाऊ विभाग वाला सभापति पद की भी मांग कर रहे,,,, अब इन दावों में कितनी सच्चाई है ये तो हम नहीं जानते,,,, लेकिन कहावत है कि धुआं उठा है तो आग तो लगी होगी,,,,,

लेकिन अध्यक्ष पद की कुर्सी के इस रास्ते में लोचा भी बहुत है स्थानीय बड़े वाले नेताओं के महत्वकांक्षा के चलते पार्टी के रणनीतिकार भी पशोपेश में है,, जैसे बलौदा बाजार जिला यहां गौरीशंकर अग्रवाल और शिवरतन शर्मा की अपनी अपनी पसन्द हैं यहां इंदु जांगड़े और गीता डोमन वर्मा के नाम की चर्चा है लेकिन दो कोंटा गणित विशेषज्ञों का कोंटा गणित सफल हो गया तो चौंकाने वाला रिजल्ट भी आ सकता है,,,,

वैसा ही राज्य के दूसरे छोर पर स्थित सूरजपुर का है ,, जहां बीजेपी के अध्यक्ष बनाने रेणुका सिंह की मदद लेनी पड़ सकती है क्योंकि उनकी बेटी मोनिका सिंह बागी चुनाव लड़ कर चुनाव जीत चुकी हैं,,, और मेरे सूत्र बताते हैं कि रेणुका सिंह अपनी बेटी को अध्यक्ष बनाना चाह रही हैं,,, लेकिन स्थानीय नेता नहीं मान रहे,, ऐसे में खर्च कर चुनाव जीत कर आए कांग्रेस के अधिकृत या कथित समर्थित सदस्य रेणुका से मिल कर मोनिका सिंह को अध्यक्ष बना दें तो कोई बड़ी बात नहीं होगी,,,

 

हाल बुरा तो मनेंद्रगढ़ चिरमिरी का है जो कि कद्दावर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का जिला है,,, अगर वहां लोचा हुआ तो हो सकता है ,,, रणनीतिकार गुस्सा हो जाएं,,,,

 

हां बलरामपुर जिले में बीजेपी को बहुमत मिला है लोकल नेता पूर्व विधायक सिद्धनाथ पैकरा को अध्यक्ष बनाना चाह रहे लेकिन सूत्र बताते हैं कि मंत्री रामविचार नेताम को पैकरा जी जम नहीं रहे ,,,,

 

अब बात राजधानी रायपुर की जहां सबकी निगाह टिकी हुई है,, यहां दोनों दलों की संख्या बराबर है,,, लेकिन दो सदस्य चाहे बागी कह लें या निर्दलीय, अपने क्षेत्र के भले के लिए सत्तापक्ष के साथ खड़े दिख रहे,,,, अब मुझे तो लगता है गेंद बीजेपी के पाले में आ गई है,,,

 

वैसे कांग्रेस में जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर ज्यादा कोई हलचल नहीं दिखाई दे रही,,, खैर कैमरामैन तैयार है ,, कोई जीत कर आया तो फोटीबाजी तो बनती है,,,,,, वही बीजेपी के पंचायत चुनाव के प्रमुख सौरभ सिंह रिलेक्स मूड में दिख रहे और राज्य के सभी जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष बीजेपी के बनने का दावा ठोक दिए हैं,,,,,

 

जस्ट पूछिंग में मेरा सवाल कांग्रेस और भाजपा दोनों से है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता चरण दास महंत ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के सदस्यों को धमकी दी जा रही,,,, डराया जा रहा,,, इसमें कहां तक सच्चाई है,,,,, जब ग्रामीण सरकार आपकी बन रही तो कथित धमकी काहे भाई,,,❓🤔

 

 

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*बाबा मसीह*

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